बन कर हवा, मेरी जान
कर धुआँ सब तू चली आ
तू है नदी, ऐ हंसीं
क्यूँ रूकी बह तू चली आ
आ जा सनम
हैं वहाँ थे जहाँ हम
तोड़ सब बंदिशें तू
आ अब तो चली आ
खिल जो चली, ऐ कली
गुल चमन सी तू चली आ
उजली किरण करे रोशन
सहर अब ला तू चली आ
आ जा सनम
हैं वहाँ थे जहाँ हम
छोड़ सब रंजिशें तू
आ अब तो चली आ
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