Jan 13, 2025

Chali Aa

 

बन कर हवा, मेरी जान
कर धुआँ सब तू चली आ
तू है नदी, ऐ हंसीं
क्यूँ रूकी बह तू चली आ

आ जा सनम
हैं वहाँ थे जहाँ हम
तोड़ सब बंदिशें तू
आ अब तो चली आ

खिल जो चली, ऐ कली
गुल चमन सी तू चली आ
उजली किरण करे रोशन
सहर अब ला तू चली आ

आ जा सनम
हैं वहाँ थे जहाँ हम 
छोड़ सब रंजिशें तू 
आ अब तो चली आ