The25thHour
Jul 12, 2024
Toh kya hua
छोटा सा घर, नन्ही सी बगिया
खुला आसमान, प्यारी सी दुनिया
संजोके ये लम्हे सीये, सो हैं
तो क्या हुआ, जीये तो हैं
दौड़ें क्यों, हमें चलने का शौक है
आँगन हमारा फुर्सत का चौक है
पीछे हैं छूटे, सुकून पीये तो हैं
तो क्या हुआ, जीये तो हैं
2 comments:
Madhuresh
01 December, 2024
अपनी गति से जीवन को सानुभव जीना भावहीन जीवन से सर्वथा बेहतर है! सुन्दर रचना!
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Archika
14 January, 2025
kaise hain aap?
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अपनी गति से जीवन को सानुभव जीना भावहीन जीवन से सर्वथा बेहतर है! सुन्दर रचना!
ReplyDeletekaise hain aap?
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