Jul 12, 2024

Toh kya hua

 छोटा सा घर, नन्ही सी बगिया
खुला आसमान, प्यारी सी दुनिया
संजोके ये लम्हे सीये, सो हैं
तो क्या हुआ, जीये तो हैं

दौड़ें क्यों, हमें चलने का शौक है
आँगन हमारा फुर्सत का चौक है
पीछे हैं छूटे, सुकून पीये तो हैं
तो क्या हुआ, जीये तो हैं

1 comment:

  1. अपनी गति से जीवन को सानुभव जीना भावहीन जीवन से सर्वथा बेहतर है! सुन्दर रचना!

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