May 1, 2024

Talaash

 मैं खोयी नहीं हूँ, बस घर की तलाश है

एक टुकड़ा ज़मीन और चैन की तलाश है

गुज़री कई मकानों, कस्बों, शहरों, देशों से

पंख बहुत बड़े हैं, मुझे जड़ की तलाश है


नदी सी मैं बहुत बही मुझे पहाड़ की तलाश है

अपने बहुत मिले पर अपनेपन की तलाश है

एक दो बार घर मिला भी था, क्या फिर से मिल पायेगा?

सवाल वही की कहाँ से हो, बस जवाब की तलाश है

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