देखते थे चुपके चुपके तुझको
देखता है प्यार प्यार को जैसे
जो छू गुज़रती तो लगता ऐसा
सनम को मिली वफ़ा हो जैसे
दुआ को दी दुआएं तेरी
मेरी ही तुम रिदा हो जैसे
जाती हुई हवाओं में हों
ताबीज़ों की रवायें जैसे
रेगिस्तान की रेतों में हैं
सूफी के गीत समाए जैसे
मिल जाऊं तुझ में भी मैं
मुहब्बत में हो इबादत जैसे
I Miss You
ReplyDeleteI Miss You
ReplyDeleteI Miss You Twice Too ;)
Deleteमुहब्बत में हो इबादत जैसे!
ReplyDeleteबेहद सुन्दर अल्फाजों मे बेहतरीन पंक्तियाँ। सुभान-अल्लाह!
thanks :D
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