तुम्हे आदत है लोगों से अक्सर ये सुनने की
कि तुम्हारी कुछ बातें बिलकुल उनके जैसी हैं
तुम्हे आदत है फिर प्यार से मुस्कुराने की
क्यूंकि तुम्हारी सब बातें तुम्हारे जैसी हैं
दरअसल वो सब तुम में ढूंढ रहे हैं
वो सारी खूबियाँ जो उनमें हैं नहीं
वो सारी अदायें जिनकी उन्हें चाहत है
वो सारी बातें जो उनकी हैं नहीं
जो उफनते हैं मदमस्त नदी की तरह
उन्हें लगता है उनमें तुम्हारा ठहराव है
और जिनकी बातें कभी ख़त्म नहीं होतीं
उन्हें आशा है उनमें तुम्हारा स्वभाव है
जो फिसल जाते हैं दुनिया के हर प्रलोभन से
उनका मानना है तुम्हारा इनकार उनमें है
और जो छुपकर रहते हैं मुश्किल रास्तों से
उनका कहना है कि तुम्हारा साहस उनमें है
तुम्हारी हँसी, तुम्हारी बचपन सी मीठी बातें
तुम्हारी ख़ामोशी और तुम्हारी हसीन आँखें
तुम्हारा दिल, खूबसूरती तलाशती निगाहें
तुम्हारी समझदारी और तुम्हारे सच्चे वादे
ये चीज़ें आसान होतीं तो हर किसी में मिलतीं
फिर न होती किसी को तुम में खुद की तलाश
तुम जैसी बन पाऊँ ये कैसे मुमकिन है
पर हो मुझमें भी तुम्हारी झलक, ऐसा होता काश